Saturday 27 August 2011

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा ??


मेरा देश है महान , है सबसे प्यारा..
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा |
भ्रष्ट , बेकार, लाचार, भूखमरी का मारा ..
फिर भी सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा ??

टुकड़ों में बंटता मेरा देश....
जहाँ अनेकता में एकता सिर्फ एक नारा ,
फिर भी सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा...??

यहाँ देश के मरने को कोई तैयार है नहीं,
अपनी कौम के लिए मरना है स्वीकारा...
फिर भी सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा..??

यहाँ शहीदों की शहादत पर चीख नहीं,
मंत्रियों का है जयकारा ...
फिर भी सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा ??

खिलाड़ियों को मिलता करोड़ों का ईनाम..
यहाँ शहीदों का परिवार है बेसहारा..
फिर भी सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा ??

जिस देश में औरत को देवी दर्जा दिया गया..
वहां कन्या भ्रूण हत्या का गहराता साया...
फिर भी सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा ??

जिस देश ने सबको सिर उठाके जीना सिखाया,
उसी ने आतंकवाद के समक्ष शीश झुकाया ,
फिर भी सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा ??

देश को नीचा दिखाना मेरा मकसद नहीं ,
मकसद तुम्हारी अंतरात्मा को है जगाना,
हम हैं इसका आने वाला कल हमें ,
हमें ही इसे फिर से प्रगति पथ पर लाना |

हो गया है देश निराधार ,
खो गया है इसका आकार ,
हम ही हैं इसके कल्पाकार ,
हमें ही लानी होगी बाहार |

फिर से होगा सूर्योदय....फिर से होगा सूर्योदय,
फिर से होगी हमारे देश भारत की जय....भारत की जय |||

जी चाहता है!

तुम्हारे साथ चलना ...
तुम्हारे हँसने पर यूँ दिल का मचलना ..
और इस मचलते दिल का तुम्हारे इश्क में खोने का..
जी चाहता है ...

तुम्हारा यूँ पलके झुखाना ...
और धीरे से आवाज़ लगाना ...
हर इस आवाज़ को अपना साज़ बनाने का ..
जी चाहता है ...


तुम्हारा पानी पीना ...
और पीते पीते अपने अधरों से छलकाना ..
हर उस छलकते मोती को संजोकर रखने का ...
जी चाहता है ..


तुम्हरा यूँ बालों को संवारना ...
हर उलझन को धीमें से निकालना ..
हर इस उलझन की सुलझन बनने का ...
जी चाहता है ..

लोगों का मुझे खुश किस्मत कहना ..
मेरा हर सफलता को पा जाना ..
हर इस मैं को तुम बनाने का ..
जी चाहता है ...

तुम्हें देखते ही मेरा तुम्हारे दर्द को समझ लेना..
और इसे कम करने की हर मुमकिन कोशिश करना..
उसी तरह तुम्हारा भी मेरे दर्द का एहसास करने का..
जी चाहता है .

तुम्हारा भी मुझे प्यार का इज़हार करना ...
है मेरे जीवन का सबसे हसीं सपना ...
इस सपने को हकीकत बनाने का ...
जी चाहता है ...


तुम्हारा मुझे अपनाने का ..
मेरा तुम्हें चाहने का ..
इस चाहत की चाहिता को और बढ़ाने का ..
जी चाहता है ...जी चाहता है

अनाम !


दिल का चाहते हुए भी ना चाहना..
कलम का लिखते लिखते रुक जाना...
आज मैंने जान लिया.क्या होता है..
ना चाहते हुए भी होंसलों का टूट जाना...

फिर भी मुझे झुकना नहीं..रुकना नहीं..
आगे बढ़ते जाना है...
अपने कर्म को कर्मठता से करते जाना है...
अपने किये वादे को सचे मन से निभाना है!!!.

.


अनसुना सा सूनापन,


क्यूँ याद आये वो सुनेहरा बचपन |

कुछ


आज फिर से कुछ लिखने का मन है,
फिर से जीवन जीने का मन है,
शायद ये ठंडी हवाओं का जादू है,
या फिर बहुत से विचार,जो हुए बेकाबू हैं,
चेहरे पर कहीं एक हंसी सी दबी है,
दिल में  हल्की  गुद-गुदी है,
कागज़ पर कलम ठहर नहीं रही,
विचारों का कुम्भ फूटा मन में कहीं.
शायद ये ठंडी हवाओं का जादू  है...
या फिर ..............